योग दिवस (21 जून) की शुभकामनाएँ... प्रस्तुत है कुछ ताज़ा दोहे
“चुनो योग की राह”
जीवन सादा जिएँ सभी, सादा खाना खाएँ।
करके योग लोगों तक, यह संदेश फैलाएँ।।
आसन योग करके हम, होंगे सभी निरोग।
मोह छोडकर सभी हम, अपनायेंगे योग।।
योगासन का घूँट है, होता अमृत समान।
लेकर संकल्प योग का, मानुष मन में ठान।।
पतंजलि के पथ पर, मिलता अजब सुकून।
ठीक तरह से हृदय में, प्रचलित होता खून।।
नीम हकीमों से दूर, कर तन की परवाह।
है परमसत्य योग एक, चुनो योग की राह।।
रोज़ नियम से योग कर, मन को करो शान्त।
योगासन के लिए भाई, ढूँढ जगह एकान्त।।
योगासन मिटाता है, मन के सभी तनाव।
देता शक्ति शरीर को, मन को कोमल भाव।।
विश्व विख्यात योग दिन, इस पर हमको नाज़।
प्रसार कर इस योग का, हम सब प्रण लें आज।।
करता वश में इन्द्रियाँ, परम साधना योग।
खूब चखो आनन्द से, यह कुदरत का भोग।।
योग नाम हथियार से, करते जब भी वार।
शरीर रहता है स्वस्थ, मिटते सभी विकार।।
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